कल टीवी पर बम्बई की एक महिला को देखा जो गणपति जी के दर्शन के लिये गई । पुजारी कैसे धक्का-मुक्की कर के उसे मंदिर से बाहर निकाल रहे थे....क्योंकि वह शिल्पा शेट्टी और एकता कपूर जैसे लोगों को दर्शन करवाने में व्यस्त थे। आज कल सभी जगह पैसे की जय जय कार है....कईं जगह पर तो पुजारियों ने तो मंदिर जैसी जगह को भी अपनी स्टेट ही मान रखा है।
मैं अपनी बात बताती हूं...हम लोग साउथ में वैसे ही घूमने फिरने के लिये गये ...वहां एक मंदिर में हम गये तो गेट पर ही पुजारियों के पहरेदारों ने हमें रोक दिया ...कहने लगे इन कपड़ों में आप अंदर नहीं जा सकते। चूंकि हम लोग पंजाबी हैं और पंजाबी सूट पहन रखे थे.....हम ने कहा तो फिर वह कहने लगा कि आप को धोती पहन कर मंदिर के अंदर जाना होगा जो वहां पर 50 रूपये किराये पर मिल रही थी। हम को घर के पांच सदस्यों के लिये 10 मिनट के लिये 250 रूपये देने पड़ते .....इसलिये हम लोग बिना मंदिर के दर्शन किये ही बाहर आ गये।
यह तो बस आदमी की बनाई भेड़-चाल है ...वरना भगवान को धोती, सूट, टोपी, शेरवानी से क्या लेना देना। इसी तरह के पाखंड़ों की वजह से अब तो ऐसा लगने लग गया है कि मंदिरों पर भी धनाढ़्य वर्ग का वर्चस्व होता जा रहा है।
अच्छा, राम ..राम। वैसै गोपी फिल्म में राम चंद्र कह गये सिया से वाले गाने में भी बहुत पते की बातें इतने साल पहले ही कह दी गई हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment