Wednesday, July 24, 2013

14 साल की बच्ची की हिम्मत ...

कल अमर उजाला अखबार में मैंने एक न्यूज़ पढ़ी कि किस तरह से एक १४ वर्ष की बच्ची ने हिम्मत की और अपने पिता के विरूद्ध थाने में जा पहुंची।

उसने कईं बार अपनी मां से कहा कि उसका पिता उस पर बुरी नज़र रखता है लेकिन मां हर बार उसे चुप रहने की ताकीद कर देती और बस बात आई गई हो जाती।

लेकिन बच्ची का साहस देखिए १४ वर्ष की उम्र में कि उसने ठान लिया कि पिता के विरूद्ध पुलिस में रिपोर्ट कर के ही दम लेगी।

थाने में रपट लिखाई गई, उस के पिता को बुलाया गया और एफआईआर दर्ज की गई।

भाग्य की विडंबना देखिए कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो कोई कहां जाए, जब खेत की बाड़ ही खेत को खाने लगे तो .....। मुझे आमिर खान के प्रोग्राम का भी ध्यान आ रहा है, उसने भी इस विषय पर जागृत करते हुए एक कार्यक्रम बनाया था।

कितनी बार बताया जाता है कि घरों में बच्चों के शोषण के लिए कोई जिम्मेदार घर का ही आदमी होता है लेकिन कोई साहस नहीं कर पाता, इसलिए यह गुनाह करने वाले का हौसला बुलंद होता रहता है।

काश इस देश की हर ऐसी बच्ची जो अपनों के ही हाथों इस तरह के शोषण का शिकार हो रही है, इतनी हिम्मत दिखाए ताकि इस तरह के शोषण पर नकेल कसी जा सके।

मुझे अभी अभी राज कपूर की प्रेम रोग फिल्म का ध्यान आ रहा है किस तरह से एक विधवा को उस के घर के मर्द ही नहीं छोड़ते............ हमारे समाज का काला चेहरा .... राजकपूर ने बखूबी दुनिया समाज के सामने रखा।
चलिए बच्चों से संबंधित एक सुंदर गीत लिखते हैं ....

यह पोस्ट लिखने में मेरे बेटे ने मेरी मदद की है, क्योंकि मेरे कंप्यूटर में हिंदी नहीं है --एक दो दिन लगेंगे ...
अच्छा जी , शुभरात्रि ...शब्बा खैर, रब राखा...