Tuesday, May 6, 2008

औरों को नसीहत, खुद बाबा फज़ीहत



आप बीबी कोकां.....मत्तां देंदी लोकां............आज के पेपर में भारतीय जनता पार्टी के राजनाथ जी ने कहा है कि राज ठाकरे जाति के आधार पर देश को बांट रहे हैं ....कोई उन से पूछे आगे जाति के आधार पर यहां क्या नहीं हो रहा है....जाति-वर्ग के आधार पर ही तो देश की क्या हालत हो रही है। सब से ज़्यादा तो मध्यम वर्ग के लोग ही इस के शिकार हो रहे हैं क्योंकि इतने इतने मेधावी छात्रों को सरकारी नौकरी नहीं मिल रही ...नौकरी की तो छोड़ो पहले इंजिनयर, डाक्टर आदि में दाखला ही नहीं मिल रहा जिस से बच्चों का हौंसला टूट जाता है।
सब जनता को मूर्ख बना रहे हैं...इन्हें तो अपनी अपनी कुर्सी की चिंता है...जब चुनाव आते हैं तो कोई न कोई ऐसी बात कर देते हैं कि जनता का ध्यान उधर ही लगा रहे ..वैसे सारे एक ही थैली के चट्टे-वट्टे हैं।
आज के पेपर में पढा़ कि चपरासी भी परिवार सहित अब हवाई-जहाज यात्रा करेंगे। जनता की कोई फिकर ही नहीं जो आधी जनता रात को भूखी सो जाती है।
मैं बिल्कुल सच आंखों देखी बात कर रही हूं...हम भुवनेश्वर गये...गाड़ी से उतरे...क्या देखा कि एक आदमी रेल लाइनों में प्लास्टिक के गिरे लिफाफे देख रहा था...एक लिफाफे में कुछ थोडे़ से भीगे चने थे वह उस ने खाये..लिफाफा इतना गंदा था कि देखने को मन नहीं करता था। वह बेचारा भी क्या करता आखीर पेट की अग्नि तो शांत करनी थी। आज भी जब वह सीन नज़र आता है आंखों में आंसू आ जाते हैं।