आज सुबह मेरे बेटे ने दा हिंदु अंग्रेज़ी अखबार में एक लेखक की लिखी हुई खबर मुझे अपने ब्लॉग पर हिंदी में लिख कर पढ़ाई....एक ९० वर्षीय आस्ट्रेलियन महिला डाक्टर हैमलिन फिस्चुला के रोगियों का उपचार करती आ रही है और आज भी कर रही है..
हज़ारों महिलाएं एवं युवतियां ठीक हो गई हैं... इन में कईं ठीक हो कर दूसरे मरीज़ों के उपचार में सहयोग कर रही हैं।
सभी जानते हैं कि यह ऐसी बीमारी है जहां अपने भी नफ़रत करने लग जाते हैं। आज यह डाक्टर जो ९० वर्ष की उम्र पार चुकी है.. मैं जन्मदिन पर इन को हार्दिक शुभकामनाएं और मुबारक भेज रही हूं...
भगवान खुद नहीं आते लेकिन ऐसे फरिश्ते भेज देते हैं ... लेखक ने डाक्टर को देवी की उपाधि दी है........इस देवी को मेरा शत शत नमन्............
संतोष चोपड़ा.....
हज़ारों महिलाएं एवं युवतियां ठीक हो गई हैं... इन में कईं ठीक हो कर दूसरे मरीज़ों के उपचार में सहयोग कर रही हैं।
सभी जानते हैं कि यह ऐसी बीमारी है जहां अपने भी नफ़रत करने लग जाते हैं। आज यह डाक्टर जो ९० वर्ष की उम्र पार चुकी है.. मैं जन्मदिन पर इन को हार्दिक शुभकामनाएं और मुबारक भेज रही हूं...
भगवान खुद नहीं आते लेकिन ऐसे फरिश्ते भेज देते हैं ... लेखक ने डाक्टर को देवी की उपाधि दी है........इस देवी को मेरा शत शत नमन्............
संतोष चोपड़ा.....
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